सोमवार, 25 अगस्त 2008

जोगी के शेर-15

१- वो जिनका काम है, ख़बरों के दरमियाँ रहना
वो भूत प्रेत के किस्से दिखाते रहते हैं.

२- ऊपर वाले तेरे सारे, पते ठिकाने जाली हैं
मैखानों में भीड़ लगी है, मन्दिर-मस्जिद खाली हैं.

३- बेकाम जान के मुझे ठुकरा तो रहे हो
जब वक्त पड़ेगा तो बहुत काम आऊंगा.

४- बस एक शबनम के, कतरे की आस है मुझको
अब मेरी प्यास, समंदर बुझा नहीं सकता.

५- अपनी मेहनत से ही, होती है तरक्की प्यारे
कामयाबी की कोई, सीढियाँ नहीं होतीं.

६- वैसे तो किसी चीज से इंकार नहीं है
लेकिन अगर है शर्त, तो फ़िर प्यार नहीं है.

७- सियासी लोगों में इंसानियत कहाँ होगी
कागजी फूलों में खुशबू नहीं देखी जाती.

८- तने तो यार बबूलों के तने रहते हैं
जितने फलदार पेड़ हैं, वो झुके रहते हैं.

९- जो भी अहसान हैं, सब करके भूल जाते हैं
दोस्तों में बही-खाते नहीं चला करते.

१0- अमीर लोग उन्हें, बद नज़र से ना देखें
हम गरीबों की, बेटियों को दुआ देते हैं.


डॉ. सुनील जोगी, दिल्ली, भारत
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