रविवार, 3 अगस्त 2008
जोगी के शेर
१- दुनिया वाले जिसे जन्नत का नाम देते हैं
वो तो माँ बाप के क़दमों के तले रहती है.
२- आदमी ऐसी तरक्की कर रहा है आजकल
बाहर हँसता और भीतर मर रहा है आजकल.
३- बाग़ से जिसके चहकने की सदा आती थी
बहुत दिनों से वो चिड़िया उदास रहती है.
४- प्यार के पंछी तक छत पर आने से डरते हैं
घर तो कम हैं बस्ती में दीवारें ज़्यादा हैं.
५- आसमानों की तरफ़ बढती तरक्की देखकर
चाँद सूरज आदमी से खौफ़ सा खाने लगे.
६- भला दुश्मन हमारा क्या करेंगे
मैं अपने दोस्तों से डर रहा हूँ.
७- वक्त अच्छा हो तो सबके सलाम आते हैं
बहुत कम लोग मुसीबत में काम आते हैं.
८- जो सच्चे लोग हैं अक्सर दुआओं को तरसते हैं
यहाँ फलदार पेड़ों पर सदा पत्थर बरसते हैं.
९- भला हो दोस्तों का लाज बचा ली वरना
दुश्मनों से तो दुश्मनी भी नहीं की जाती.
१०- डूब जाऊँ तो किनारे मुझे लगा देना
दोस्त साहिल पे खड़े हाथ हिलाते होंगे.
DR. SUNIL JOGI DELHI, INDIA
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