शुक्रवार, 8 अगस्त 2008

जोगी के शेर- 8

१- छोटे लोगों की ये निशानी है
अपने बारे में सोचते रहना.

२- बिना मौसम के भी इतनी बारिश
कोई तो होगा तो रोता होगा.

३- नकाब ओढ़ के आए हैं मेरी मैयत पे
अपनी रोती हुई आंखों को छुपाने के लिए.

४- दो चार दिन के मिलने मिलाने का सिलसिला
खुदगार्जियाँ ही होती हैं रिश्ते नहीं होते.

५- कामयाबी का तो चर्चा कहीं नहीं होता
मेरी नाकामियों का जिक्र सभी करते हैं.

६- साथी कोई मिला नहीं दुनिया की भीड़ में
ख़ुद अपने सफर पर मैं अकेला निकल पड़ा.

७- फकीरी से बड़ी दौलत नहीं होती कोई
ख्वाहिशें हों तो बादशाह गरीब होता है.

८- जिसे भी चाहो उसे दिल से मोहब्बत करना
प्यार के बदले में कीमत नहीं मांगी जाती.

९- कभी कभी छोटे दिल वाले बड़े बड़े दिल रखते हैं
बड़े बड़े घर वालों के दरवाजे छोटे होते हैं.

१0- नदी का क्या है जो चाहे, उसे जितना पी ले
एक चुल्लू भी समंदर नहीं पीने देता.

DR. SUNIL JOGI, DELHI, INDIA
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